जन्माष्टमी की आप सबको ढेरो शुभकामनाये...सभी जगह खूब धूम धाम से जन्माष्टमी मनाई गयी| यहाँ मुंबई में भी जन्माष्टमी की खूब धूम रही| सबसे पहले मैंने अपने स्कूल में फिर घर में और फिर अपनी सोसाइटी में जन्माष्टमी मनाई| हम सब बच्चो को राधा और कृष्ण बन कर स्कूल जाना था| मेरी टीचर ने हम सबके पापा को स्कूल बुलाया फिर सबसे गेम्स खेलवाए और मटकी फुड्वाई| बहुत मज़ा आया :)
फिर मैंने अपने घर पर कृष्ण जी का B'day मनाया| उसकी भी तश्वीरे है...मैंने मटकी भी बांधी थी कान्हा के लिए| ममा कहती है मेरा भी जन्म जन्माष्टमी के ही दिन हुआ था :)
हमारी सोसाइटी में बहुत ऊँची मटकी बांधी गयी| सारे दिन कई गोविन्दो की टोलियाँ आई, सब एक के उपर एक चढ़ कर बहुत ऊँचे ऊँचे पिरामिड बनाये, लेकिन कोई भी मटकी नहीं फ़ोड़ पाया| फिर जब रात होने लगी और मटकी नहीं फूटी तो उसे थोडा नीचे किया गया और फिर एक टोली ने मटकी फोड़ी हम सब ने खूब ताली बजायी और खूब डांस किया....
12 comments:
बहुत सुन्दर चित्र।
सचमुच, आपने तो
बहुत बढ़िया ढंग से यह त्योहार मनाया!
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मेरी तरफ से आपको इस बात के लिए
बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ!
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मेरा कान्हा, मेरा मीत ... ... .
आज सुना दे मुझको कान्हा ... ... .
बहुत सुन्दर ...त्योहार का पूरा आनंद लिया ..
तस्वीरों में तुम बहुत प्यारी लग रही हो...
Nice and cute ---.
pahle hi ,atki neeche kerni thi..:) to ham hi govinada aala re kah gaye hote..:)
अरे वाह..तस्वीरों में तो एकदम राधा लग रही हो....बड़े मजे किए जन्माष्टमी पर..इतना धमाल!!
..और क्यूँ ना हो..तुम्हारा जन्मदिन भी था....खूब आगे बढ़ो...दुनिया की सारी खुशियाँ मिले तुम्हे.
बहुत अच्छा . मै तो जन्माष्टमी के दिन ही दिल्ली से हरिद्वार मुंडन कराने गया था . सो जन्माष्टमी पता ही नहीं चला , पर आपके ब्लॉग पर आकार लगा जैसे मैंने भी जन्माष्टमी मना ली .
धनयावाद
बहुत सुन्दर और प्यारी तस्वीरें हैं! शानदार पोस्ट!
नन्हीं परी तो प्यारी ही है... और परी को मटकी से कुछ मिला कि नहीं? :)
शुभाशीष
सचमुच, आपकी पोस्ट बहुत बढ़िया है।
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इसकी चर्चा बाल चर्चा मंच पर भी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/09/16.html
बहुत सुन्दर चित्र।
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