कहीं लाल कहीं श्वेत वस्त्र हैं रंगत न्यारी-न्यारी।कैसे हो पहचान बताओ नन्ही-परी तुम्हारी।।आशीष
वाह, बहुत ही सुन्दर..
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कहीं लाल कहीं श्वेत वस्त्र हैं रंगत न्यारी-न्यारी।
कैसे हो पहचान बताओ नन्ही-परी तुम्हारी।।
आशीष
वाह, बहुत ही सुन्दर..
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