कल मैंने बबल्स से खूब खेला...बार बार मम्मा से बबल्स बनवाती और उन्हें पकडती...फिर मम्मा ने बोला तुम अपने आप से बबल्स बनाओ...बहुत कोशिश करने के बाद मैंने बबल्स बनाना सीख ही लिया :) :)
उफ़ ये बबल्स बनते ही नहीं :(
आखिर बबल्स बन ही गये
बबल्स से खेलना कितना मजेदार होता है ना...
मेरा ये छोटा सा छाता आपको कैसा लगा :)
12 comments:
बबल्स और छाता दोनों मजेदार...क्या कहने.
मजेदार और बैकग्राऊन्ड में जेली बीन्स देखकर तो खाने का मन कर गया.
very bubbly post.I also got the same machine in international trade fair. this machine is not available everywhere.
pics are very clear and beautiful as well.
बहुत बढ़िया...मज़ा आया ना खेल में ?
हम्म...तो बबल्स बनाना सीख ही लिया आखिर..गुड गर्ल :)
और छाता भी बड़ा प्यारा है तुम्हारा...
फोटोज़ में भी बड़ी प्यारी लग रही है इशिता...
बहुत बहुत प्यार :)
कुछ बब्बल हम को भी
प्यार..
प्यारे-प्यारे बबल्स...छाता भी शानदार.
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'पाखी की दुनिया' के एक साल पूरे
बहुत बढ़िया...
प्यार
बहुत-बहुत बधाई!
आपकी चर्चा तो यहाँ भी है-
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/07/2010.html
बबल्स तो मुझे भी अच्छे लगते हैं, पर मुझे बनाना नहीं आता :(
बबल्स और छाता दोनों सुन्दर है ... काश मै भी वह होती तो बबल्स फोड़ने का मज़ा ही कुछ और होता !
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वाह स्मार्ट गर्ल..बब्बल्स भी बना लिया....और छाता तो बड़ा क्यूट है,तुम्हारी तरह.
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