आज सुबह से ही 'बेटी' घर के दरवाजे में लगी हुई थी | मैं भी अपने सुबह के कामो में थोड़ी व्यस्त थी, सो इतना ध्यान नहीं दिया की वो क्या कर रही है | थोड़ी देर बाद वो दौड़ते हुए मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे दरवाजे तक ले गयी, और एक झटके में ही उसने दरवाजा खोल कर मुझे दिखाया और कहा "अब आपको पता चल गया ना माँ, मैं बड़ी हो गयी हूँ ".....
ये तो बोल कर निकल गयी और मुझे घंटो तक सोच में डाल दिया क्या ये झल्ली कभी मेरे लिए बड़ी हो सकती है...
14 comments:
आप सच में बड़ी हो गयी हैं।
इशिता तुम हम लोग के लिए तो बच्ची ही रहोगी.....और खासकर के अपनी माँ के लिए :)
माँ के लिए बच्चे हमेशा बच्चे ही रहते हैं :)
मेरी एक बहन है, निमिषा...वैसे तो वो मेरे से बहुत छोटी है, मेडिकल इंट्रेंस दे रही है, वो भी ऐसे ऐसे ही कुछ बातें बता के बोलती है मुझसे - भईया अब देखो हम बड़े हो गए हैं :)
सच कित्ती बड़ी हो गयी...दरवाजा खोलना भी सीख गयी...wowww
ढेर सारा प्यार
Bachhon ke muhn se maasumiyat bhare labj sunkar behad achha lagta hai...
Sach mein bidiya badi ho gayee..
Nav Durgotsav kee haardik shubhkamnayne
Kya Pata... Hame To Lagta Hai Hamari GUDIA Abhi Bhi GUDIA hi hai...
Ram Uncle
हम बच्चे तो माँ -पापा के लिए हमेशा बच्चे ही रहेंगें.
ye bade log hame bada maanate hi nahi.... :(
अरे वाह!! इत्ती बड़ी हो गई... :)
खूब आशीष बेटू!!
i dont think soooooo
sweet post
बच्चों की बड़ी-बड़ी बातें तो सबको अचम्भित कर देती हैं!
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आपकी सुन्दर पोस्ट री चर्चा तो बाल चर्चा मंच पर भी लगाई गई है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/22.html
बच्चे कब बडे हो जाते हैं पता ही नही चलता मगर माँ के लिये हमेशा छोटे ही रहते हैं।
सचमुच में बड़ी हो गई हो आप तो ......ढ़ेर सारा प्यार
नन्ही ब्लॉगर
अनुष्का
hai mera baccha sach me badi ho gayi ho aap...but mumma ke liye aap hamesha choti rahogi...
with lots of luv
Miti Maasi..
देखो आज सुबह ही मैंने मम्मा से बोला मै बड़ी हो गयी हू तो मानती ही नहीं है .......
वैसे आप बहुत बड़ी हो गयी हो मेरी तरह
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